गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

दो लाख लोगों की मौत मलेरिया से

सुनील शर्मा

मैं इस बात को मानू न तो और क्या करूं, आखिर मैं पढऩे-लिखने वाला आदमी हूं. मेरे पास इसके अलावा और कोई चारा भी नहीं है क्योंकि मैं जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं में आ रही गिरावट को देखता हूं तो मुझे लगता है कि चिकित्सा पत्रिका लांसेट का यह दावा गलत नहीं है कि हर साल भारत में दो लाख लोगों की मौत केवल मलेरिया से हो जाती है.

बीबीसी हिंदी सेवा में छपी एक खबर के मुताबिक बहुचर्चित चिकित्सा पत्रिका लांसेट ने अपने एक लेख में दावा किया है कि भारत में दो लाख मलेरिया से दो लाख लोगों की मौत हो जाती है।

पूरी खबर इस तरह है.......

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 15 हज़ार लोगों की मौत मलेरिया के कारण होती है चिकित्सा पत्रिका लांसेट में छपे लेख में दावा किया गया है कि हर साल भारत में दो लाख से अधिक लोगों की मौत मलेरिया से होती है.

ये संख्या विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान से 13 गुना ज्यादा है. स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में हर साल 15 हज़ार लोगों की मौत मलेरिया के कारण होती है.

लांसेट का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास क्लीनिक और अस्पतालों में होने वाली मौतों की संख्या के आंकड़े उपलब्ध हैं जबकि बड़ी संख्या में मलेरिया से लोगों की मौतें घरों पर होती हैं.

हालांकि मलेरिया से होने वाली मौतों के आंकड़े जुटाना बहुत मुश्किल है.

लांसेट से अपने अध्ययन में आंकड़े जुटाने में प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की मदद ली.वे मृतकों के संबंधियों से मिले और उनसे पूछा कि उनके संबंधियों की मौत कैसे हुई. इसके बाद डॉक्टरों ने इन आंकड़ों की समीक्षा की.

कार्रवाई की ज़रूरत

लांसेट का कहना है कि ज़रूरत इस बात की है कि मलेरिया से होने वाली मौतों के आंकड़ों में तत्काल सुधार किया जाए ताकि इससे बचाव और इलाज के ज़रूरी धनराशि उपलब्ध कराई जा सके.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये स्वीकार किया है कि आंकड़े जुटाने को लेकर उनकी सीमाएँ हैं लेकिन उसका कहना है कि लांसेट के अनुमान कुछ ज्यादा ही हैं.

स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जो जानकारी जुटाई गई है, वो प्रामाणिक नहीं है क्योंकि मलेरिया में आने वाला तेज़ बुखार का लक्षण कई अन्य बीमारियों की वजह से भी आता है.

उल्लेखनीय है कि मच्छरों से पैदा होने वाली इस बीमारी से हर साल दुनियाभर में क़रीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है.

अफ़्रीका इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित है और यहीं इस बीमारी से सबसे अधिक मौतें भी होती हैं.


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