शनिवार, 2 मार्च 2013

आस्कर में बिलासपुर का नाम

सुनील शर्मा. बिलासपुर
विनीत चतुर्वेदानी


मशहूर विदेशी निर्देशक आंग ली की फिल्म लाईफ ऑफ पाई ने चार आस्कर अवार्ड जीतकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है लेकिन कम ही लोगों को पता है कि इस फिल्म में बिलासपुर का भी योगदान है। चार में से एक अवार्ड बेस्ट विजुअल के लिए मिला है जिसमें मैच मूवर की भूमिका निभाने वाले संतोष डे और विनीत चतुर्वेदानी कुछ साल पहले शहर में विजुअल इफेक्ट की पढ़ाई कर चुके हैं।

2006-07 में एरीना मल्टीमीडिया में विजुअल इफेक्ट की पढ़ाई करने संतोष डे और विनीत चतुर्वेदानी आए थे। उन्होंने मन लगाकर यहां पढ़ाई की। पूरे एक साल विजुअल इफेक्ट के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के बाद इन प्रतिभाशाली छात्रों को हॉलीवुड की नामी कंपनी रिदम एंड ह्यूज ने नौकरी दी। वहां भी इनका प्रदर्शन जारी रहा।
संतोष डे

विजुअल इफेक्ट में अपनी स्किल का बखूबी उपयोग करने वाले इन दो नौजवानों को उस समय लाईफ ऑफ पाई में ब्रेक मिला जब प्रोड्यूसर ने रिदम एंड ह्यूज के साथ फिल्म के विजुअल्स के लिए कांट्रेक्ट किया। फिल्म की अधिकांश शूटिंग भारत में हुई और इसमें स्पेशल विजुअल इफेक्ट में संतोष और विनीत ने अपनी कला का कौशल दिखाया। 


एक मंझे हुए मैच मूवर की भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपना काम तल्लीनता से किया। यहीं वजह है कि फिल्म को विजुअल के लिए भी आस्कर मिला। रिदम एंड ह्यूज के दो स्टूडियो हैदराबाद व मुंबई में हैं। संतोष और विनीत हैदराबाद स्टूडियो में कार्यरत है।

एरीना मल्टीमीडिया के संचालक संदीप गुप्ता कहते हैं कि संतोष और विनीत शुरू से टैलेंटेड है। 2006-07 बैच में वे जब यहां विजुअल इफेक्ट की स्टडी के लिए आए थे तभी उन्हें लगता था कि ये एक दिन बड़ा मुकाम हासिल करेंगे। उनका अनुमान सही निकला। फिल्म को बेस्ट विजुअल के लिए आस्कर का अवार्ड मिलना उनके लिए भी गर्व की बात है क्योंकि उनके संस्था में पढ़े स्टूडेंट की उसमें प्रमुख भूमिका रही है। 

विजुअल्स में मैच मूवर की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है.पूरा भरोसा है कि आगे भी वे इसी तरह तरक्की करते रहेंगे। संतोष और विनीत की उपलब्धि से वर्तमान में अध्ययनरत स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ा है। वे भी संतोष और विनीत की तरह अपना मुकाम हासिल करना चाहते हैं।
                                                                                      -  
संदीप गुप्ता,संचालक, एरीना मल्टीमीडिया


   भाई अनुपम सिंह (दैनिक भास्कर) को सादर आभार.