रविवार, 28 जुलाई 2013

दीपक करते हैं गूगल में बदलाव

सुनील शर्मा बिलासपुर

गूगल, गूगल क्रोम, जी-मेल जैसे ४० से अधिक साइट के यूजर्स के सुझावों और शिकायतों को समझकर उनके हिसाब से बदलाव लाने की जिम्मेदारी शहर के युवा दीपक तिवारी संभालते हैं। वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन 'गूगल' में बिजनेस एनालिटिक्स के सीनियर मैनेजर हैं। आईआईटी खडग़पुर की पढ़ाई के बाद अमेरिका पहुंचे तो कई पड़ावों को पार कर वे इस मुकाम पर पहुंचे। उनकी पत्नी सुप्रिया बोस्टन यूनिवर्सिटी में कैंसर पर रिसर्च कर रहीं हैं। मस्तूरी के लोहर्सी में उनका पुश्तैनी मकान और जमीन-जायदाद है। दीपक का बचपन बिलासपुर में ही बीता।

 दीपक दुनियाभर के उपभोक्ताओं की रुचि व संतुष्टि का ख्याल रखने की दिशा में काम करते हैं। गूगल के गूगल क्रोम, जी-मेल जैसे 40 से अधिक साइट्स हैं। इन्हें लेकर यूजर्स के सुझाव व शिकायतें आती हैं। इनके आधार पर ही वे डेटा कलेक्ट कर प्रोडक्ट में बदलाव लाने या नया प्रोडक्ट बनाते हैं। वे विभिन्न डिवाइस खरीदने वालों की रुचि का ख्याल भी रखते हैं। उन्हें ये सुझाव हैल्प सेंटर व हैल्प फोरम के जरिए दुनियाभर से मिलते हैं। उनके पास एक टीम है जो कई भाषाओं के यूजर्स को डील करती है। वे अपने काम में एडवांस मैथमेटिक्स यूज करते हैं।
गूगल में बड़े पैकेज पर काम कर रहे दीपक भविष्य में वतन लौटना चाहते हैं। वे उन हजारों युवाओं को गाइड भी करना चाहते हैं, जो टैलेंटेड होने के बाद भी सही मार्गदर्शन व जानकारी न मिलने से भीड़ में कहीं खोते जाते हैं।
इसी ध्येय से वे यहां कुछ दिनों तक शहर के एक कोचिंग सेंटर में युवाओं को पढ़ा चुके हैं। दीपक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर व हाईटेक्नालॉजी के पक्षधर हैं, लेकिन जीवन में सरलता बनाए रखने की बात भी कहते हैं।

शिकागो से सपनों को लगा पंख

दीपक के टैलेंट को पहली बार रायपुर के सलेम इंग्लिश मीडियम स्कूल में पहचाना गया। इसके बाद दीपक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2001 में आईआईटी खडग़पुर से पासआउट हुए और अमेरिका पहुंच गए। वहां जॉब की शुरुआत आसान नहीं थी। शिकागो की केटरपिलर कंपनी में सीनियर मैनेजर के रूप में ब्रेक मिला तो सपनों को पंख लग गए। फिर डेलोइट में सीनियर कंसल्टेंट व एसेंटर में इंगेजमेंट मैनेजर के पद पर काम किया। जून 2011 में दीपक को गूगल का ऑफर मिला। गूगल में बड़े पैकेज पर काम कर रहे दीपक भविष्य में वतन लौटकर उन हजारों युवाओं को गाइड भी करना चाहते हैं, जो टैलेंटेड होने के बाद भी सही मार्गदर्शन न मिलने से भीड़ में कहीं खोते जाते हैं।

पत्नी सुप्रिया पर नाज

दीपक ने रायपुर के प्रमोद व माधुरी शर्मा की बेटी सुप्रिया से शादी की है। सुप्रिया बोस्टन यूनिवर्सिटी में कैंसर पर रिसर्च कर रही हैं। रविशंकर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के बाद वे स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में रिसर्च कर चुकी हैं। शांत व सरल सुप्रिया पर दीपक को नाज है।

आती है वतन की याद

बकौल दीपक, 'दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट सर्च इंजन 'गूगल' में जिम्मेदार पद पर साढ़े 10 घंटे लगातार काम करने के बाद जब भी रिलेक्स होता हूं, अपने घर और शहर की याद सताने लगती है। सोचता हूं, उड़कर उन गलियों में पहुंच जाऊं जहां बचपन बीता है।' अमेरिका के माउंटेन व्यू में भव्य कार्पोरेट ऑफिस हो या फिर सेन फ्रांसिस्को की पोक स्ट्रीट का अपार्टमेंट... वहां दीपक को अपने बचपन की नादानियां और दोस्त अक्सर याद आते हैं। शहर में भी बार-बार आना भी आसान नहीं है... लेकिन जब भी मौका मिलता है, वे घरवालों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए अपने वतन पहुंच जाते हैं। एक रिश्तेदार की शादी ने यह मौका दिया तो वे खुद को नहीं रोक सके। एनआरआई दीपक गूगल के कंज्यूमर ऑपरेशन ग्रुप से जुड़े हैं और बिजनेस एनालिटिक्स के सीनियर मैनेजर हैं। यह डिपार्टमेंट गूगल के प्राफिट, लॉस के अलावा गूगल यूजर्स की रुचि, संतुष्टि, शिकायतों पर नजर रखता है। दीपक के पिता ईश्वरलाल तिवारी व मां विमला तिवारी शहर में मुख्य डाकघर के पास विमला सदन में रहते हैं।

दीपक कहते हैं...
१. छत्तीसगढ़ ही नहीं, भारत में एजुकेशन फेसिलिटी बढ़ रही है, लेकिन काफी कुछ करना बाकी है।
२. प्रगतिशील देश की अपनी चुनौतियां होती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें